Rajouri Search Operation: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंक के खिलाफ सेना का ताबड़तोड़ ऑपरेशन जारी है। लाठी के जंगलों में आतंकियों की तलाश जारी है। बता दें कि 3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है।
Army Chief Rajouri Visit: आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय ने क्रिसमस के मौके पर राजौरी का दौरा किया। ये दौरा आर्मी चीफ ने राजौरी के पूंछ इलाके में हुए हमले को लेकर किया। दौरे के दौरान मनोज पांडेय ने राजौरी में चल रहे सर्च ऑपरेशन का जायज़ा लिया।
गुरुवार को आतंकियों के हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए थे, आतंकियों के खिलाफ Search Operation चल ही रहा था कि बारामुला में एक Retired SSP की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन आतंकी घटनाओं को लेकर अब देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है और ठोस Action लेने की मांग उठ रही है। इस बीच आज Army Chief मनोज पांडे राजौरी पहुंचे और सेना के जवानों से मुलाकात कर सुरक्षा हालात का जायजा लिया। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय सेना अब किसी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। क्योंकि, वक्त और हालात ठीक 2019 जैसे हैं। ऐसे में क्या अब आतंकवाद पर एक और Surgical Strike का वक्त आ गया है।
जम्मू कश्मीर के राजौरी में छठे दिन भी आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबल का सर्च ऑपरेशन जारी रहा। पूरे इलाके की घेरेबंदी करने के साथ ही आसमान से भी जंगल के इलाकों पर नज़र रखी जा रही है। ताकि किसी भी कीमत पर आतंकियों को भागने का मौका ना मिल पाए। इसके लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन की मदद ली गई। जो ऊंचाई से घने जंगलों पर लगातार नज़र रख रहे हैं। वहां कई इलाके ऐसे हैं जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है लिहाज़ा सुरक्षाबल जंगल के हर इलाके को खंगाल रहे हैं। आसमान के साथ-साथ ज़मीन पर भी सेना ने अपने ऑपरेशन की तेज़ी को और बढ़ा दिया है। इसके लिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। रिहायशी इलाकों के साथ ही उन इलाकों की भी तलाशी ली जा रही है जो एकदम सुनसान हैं। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी वहां और कड़ा कर दिया गया। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल की गाड़ियां और जवान तैनात दिखे। आने-जाने वाले लोगों की भी कड़ी तलाशी ली जा रही है। सड़क से गुज़रने वाली हर गाड़ी की जांच की जा रही है। वहीं शक के आधार पर घरों में भी तलाशी अभियान जारी है।
Rajouri Encounter Update: राजौरी आतंकी हमले पर देश बदला चाहता है. आज इस हमले के चारों शहीदों को अंतिम विदाई दी गई. कानपुर, चमोली, कोटद्वार और नवादा में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़े। उन सबकी आंखें नम थीं और जुबान पर एक बार फिर से सीमा लांघने की डिमांड.
जम्मू-कश्मीर में Line of Control के पास भारतीय सेना का एक बड़ा एंटी टेरर ऑपरेशन चल रहा है. राजौरी के जंगलों में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन का ये छठा दिन है. कुछ घंटों पहले सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी राजौरी पहुंचे. उन्होंने आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं और काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन को कारगर बनाने की भी बात की है. वहीं कहा जा रहा है कल डिफेंस मिनिस्टर भी घटनास्थल पर जाने वाले हैं. ये आतंकी हमला भले ही राजौरी में हुआ है पर एक हमले ने सीमा पार बैठे पाकिस्तान को एक्सपोज कर दिया है.
Taal Thok ke: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 4 जवानों की शहादत पर पूरा देश दुखी है। शहीद जवानों के पार्थिव शरीर आज उनके गांव पहुंच गए। कानपुर में शहीद करण यादव को अंतिम विदाई देने भारी हुजूम जमा हुआ। बाक़ी तीन जवानों में दो उत्तराखंड के और एक बिहार के नवादा के हैं। हमले की ज़िम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ़्रंट ने ली है, जो पाकिस्तान से चल रहे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की ही एक मिली-जुली दुकान है। राजौरी के जंगलों में आज सेना के सर्च ऑपरेशन का छठा दिन है। हेलिकॉप्टर और ड्रोन भी लगे हुए हैं। कल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचने वाले हैं। उनसे पहले आज आर्मी चीफ़ जनरल मनोज पांडेय पहुंचे। राजौरी और पुंछ के ये दौरे नई रणनीति के लिहाज़ से अहम हैं। देखने में आ रहा है कि 370 हटने के बाद से पाकिस्तान के पाले हुए आतंकी कश्मीर से भागकर जम्मू के जंगलों में शिफ्ट हुए हैं। बीते कुछ हमले भी बताते हैं कि आतंकी अब जम्मू को टेरर ग्राउंड बना रहे हैं। एक हमला वो था जो आतंकियों ने जवानों पर किया। दूसरा हमला वो है जो विपक्ष अब सरकार पर कर रहा है। हमले का मजमून ये है कि आप तो बड़ी बातें करते थे कि 370 हटने के बाद ये बदल गया, वो बदल गया तो ये क्या है? फ़ारूक अब्दुल्ला आज बोले कि एक भी टूरिस्ट को गोली लगी तो सारा का सारा टूरिज़्म धरा रह जाएगा। इससे पहले बोले थे कि ये पत्थरबाज़ी बंद नहीं हुई है, सिर्फ़ बंदूकों की वजह से रुकी हुई है। बीजेपी के साथ-साथ गुलाम नबी आज़ाद जैसे नेताओं का भी कहना है कि ये वक्त सियासत करने का नहीं है। तो आंकड़ों से जानेंगे कि कश्मीर में UPA के 10 साल में आतंकवाद का ग्राफ़ कितना था और मोदी सरकार के साढ़े नौ साल में कितना है? कश्मीर में आखिरी आतंकी पर आखिरी गोली चलने में कितना वक्त है? ये भी जानेंगे कि कश्मीर में इतना कुछ करके भी कहां कसर बाक़ी रह गई है?
Taal Thok ke: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 4 जवानों की शहादत पर पूरा देश दुखी है। शहीद जवानों के पार्थिव शरीर आज उनके गांव पहुंच गए। कानपुर में शहीद करण यादव को अंतिम विदाई देने भारी हुजूम जमा हुआ। बाक़ी तीन जवानों में दो उत्तराखंड के और एक बिहार के नवादा के हैं। हमले की ज़िम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ़्रंट ने ली है, जो पाकिस्तान से चल रहे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की ही एक मिली-जुली दुकान है। राजौरी के जंगलों में आज सेना के सर्च ऑपरेशन का छठा दिन है। हेलिकॉप्टर और ड्रोन भी लगे हुए हैं। कल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचने वाले हैं। उनसे पहले आज आर्मी चीफ़ जनरल मनोज पांडेय पहुंचे। राजौरी और पुंछ के ये दौरे नई रणनीति के लिहाज़ से अहम हैं। देखने में आ रहा है कि 370 हटने के बाद से पाकिस्तान के पाले हुए आतंकी कश्मीर से भागकर जम्मू के जंगलों में शिफ्ट हुए हैं। बीते कुछ हमले भी बताते हैं कि आतंकी अब जम्मू को टेरर ग्राउंड बना रहे हैं। एक हमला वो था जो आतंकियों ने जवानों पर किया। दूसरा हमला वो है जो विपक्ष अब सरकार पर कर रहा है। हमले का मजमून ये है कि आप तो बड़ी बातें करते थे कि 370 हटने के बाद ये बदल गया, वो बदल गया तो ये क्या है? फ़ारूक अब्दुल्ला आज बोले कि एक भी टूरिस्ट को गोली लगी तो सारा का सारा टूरिज़्म धरा रह जाएगा। इससे पहले बोले थे कि ये पत्थरबाज़ी बंद नहीं हुई है, सिर्फ़ बंदूकों की वजह से रुकी हुई है। बीजेपी के साथ-साथ गुलाम नबी आज़ाद जैसे नेताओं का भी कहना है कि ये वक्त सियासत करने का नहीं है। तो आंकड़ों से जानेंगे कि कश्मीर में UPA के 10 साल में आतंकवाद का ग्राफ़ कितना था और मोदी सरकार के साढ़े नौ साल में कितना है? कश्मीर में आखिरी आतंकी पर आखिरी गोली चलने में कितना वक्त है? ये भी जानेंगे कि कश्मीर में इतना कुछ करके भी कहां कसर बाक़ी रह गई है?
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में रविवार को उन चार सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की गई, जो नजदीकी पुंछ जिले में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हो गए थे। बता दें राजौरी में आतंकियों के हमले में शहीद हुए सेना के नायक करण सिंह यादव का पार्थिव शरीर कानपुर लाया गया है। जिसके बाद श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी है.
ड्रोन, हेलीकॉप्टर और स्निफर डॉग की मदद से तलाशी अभियान को तेज़ किया गया है. आज सर्च ऑपरेशन का छठा दिन है. राजौरी में सेना ने आतंकवादियों को घेर लिया है.