Gyanvapi ASI Survey Report Update: प्रयागराज ज्ञानवापी मामले से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आ रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई. मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज. हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को खारिज किया है. वाराणसी कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल सिविल वाद को हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य माना.
काशी में ज्ञानवापी हो या फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद विवाद.हर कोई चाहता है कि इस बेचैनी का जल्द से जल्द हल निकले. एक तरफ है काशी में ज्ञानवापी परिसर, जिस पर ASI ने सैकड़ों पन्नों की सील बंद लिफाफे वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट वाराणसी की जिला जज कोर्ट में सौंपी है. सर्वे में जुटाए गए सभी साक्ष्य और सामान डीएम वाराणसी को सौंपे गए हैं. जिला कोर्ट ने आज रिपोर्ट पर आज कुछ नहीं कहा. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को करेगा. सबूतों में क्या क्या मिला है,किसी को नहीं पता. इसी मसले पर मुस्लिम पक्ष ने आज अपील की है कि सबूतों को कोर्ट की सुनवाई से पहले तक सुरक्षित रक्षा जाए. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि- ईदगाह मस्जिद के सर्वे को मंजूरी तो पहले ही दे दी थी. लेकिन इसमें कोर्ट कमिश्नर कौन होगा, कितने लोग सर्वे में होंगे, कब से सर्वे होगा, इस पर फैसला अब से कुछ देर में आ सकता है. यानि काशी टू मथुरा सर्वे का अभियान छिड़ा है. इन दोनों मामलों के बीच आज काशी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की विरासतों के साथ हुए खिलवाड़ पर बड़ी बातें कहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश विरासत पर गर्व करना भूल गया था. लेकिन अब देश के लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि दशकों तक देश में विरोध की सोच हावी रही. जिसमें सोमनाथ मंदिर का भी विरोध किया गया. लेकिन अब समय का चक्र बदला है और लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के विरासत को लेकर समय चक्र बदलने वाली बात के क्या मायने हैं. दूसरी तरफ जिस तरह का तानाबाना नजर आ रहा है क्या . 2024 की घड़ी में सनातन ही सर्वोपरि होने वाला है.
काशी में ज्ञानवापी हो या फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद विवाद.हर कोई चाहता है कि इस बेचैनी का जल्द से जल्द हल निकले. एक तरफ है काशी में ज्ञानवापी परिसर, जिस पर ASI ने सैकड़ों पन्नों की सील बंद लिफाफे वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट वाराणसी की जिला जज कोर्ट में सौंपी है. सर्वे में जुटाए गए सभी साक्ष्य और सामान डीएम वाराणसी को सौंपे गए हैं. जिला कोर्ट ने आज रिपोर्ट पर आज कुछ नहीं कहा. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को करेगा. सबूतों में क्या क्या मिला है,किसी को नहीं पता. इसी मसले पर मुस्लिम पक्ष ने आज अपील की है कि सबूतों को कोर्ट की सुनवाई से पहले तक सुरक्षित रक्षा जाए. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि- ईदगाह मस्जिद के सर्वे को मंजूरी तो पहले ही दे दी थी. लेकिन इसमें कोर्ट कमिश्नर कौन होगा, कितने लोग सर्वे में होंगे, कब से सर्वे होगा, इस पर फैसला अब से कुछ देर में आ सकता है. यानि काशी टू मथुरा सर्वे का अभियान छिड़ा है. इन दोनों मामलों के बीच आज काशी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की विरासतों के साथ हुए खिलवाड़ पर बड़ी बातें कहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश विरासत पर गर्व करना भूल गया था. लेकिन अब देश के लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि दशकों तक देश में विरोध की सोच हावी रही. जिसमें सोमनाथ मंदिर का भी विरोध किया गया. लेकिन अब समय का चक्र बदला है और लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के विरासत को लेकर समय चक्र बदलने वाली बात के क्या मायने हैं. दूसरी तरफ जिस तरह का तानाबाना नजर आ रहा है क्या . 2024 की घड़ी में सनातन ही सर्वोपरि होने वाला है.
काशी में ज्ञानवापी हो या फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद विवाद.हर कोई चाहता है कि इस बेचैनी का जल्द से जल्द हल निकले. एक तरफ है काशी में ज्ञानवापी परिसर, जिस पर ASI ने सैकड़ों पन्नों की सील बंद लिफाफे वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट वाराणसी की जिला जज कोर्ट में सौंपी है. सर्वे में जुटाए गए सभी साक्ष्य और सामान डीएम वाराणसी को सौंपे गए हैं. जिला कोर्ट ने आज रिपोर्ट पर आज कुछ नहीं कहा. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को करेगा. सबूतों में क्या क्या मिला है,किसी को नहीं पता. इसी मसले पर मुस्लिम पक्ष ने आज अपील की है कि सबूतों को कोर्ट की सुनवाई से पहले तक सुरक्षित रक्षा जाए. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि- ईदगाह मस्जिद के सर्वे को मंजूरी तो पहले ही दे दी थी. लेकिन इसमें कोर्ट कमिश्नर कौन होगा, कितने लोग सर्वे में होंगे, कब से सर्वे होगा, इस पर फैसला अब से कुछ देर में आ सकता है. यानि काशी टू मथुरा सर्वे का अभियान छिड़ा है. इन दोनों मामलों के बीच आज काशी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की विरासतों के साथ हुए खिलवाड़ पर बड़ी बातें कहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश विरासत पर गर्व करना भूल गया था. लेकिन अब देश के लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि दशकों तक देश में विरोध की सोच हावी रही. जिसमें सोमनाथ मंदिर का भी विरोध किया गया. लेकिन अब समय का चक्र बदला है और लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के विरासत को लेकर समय चक्र बदलने वाली बात के क्या मायने हैं. दूसरी तरफ जिस तरह का तानाबाना नजर आ रहा है क्या . 2024 की घड़ी में सनातन ही सर्वोपरि होने वाला है.
Gyanvapi ASI Survey Report Update: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर को लेकर ASI ने अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी है. इस रिपोर्ट को जिला जज के सामने सीलबंद लिफाफे में पेश किया गया. अब 21 दिसंबर को इसपर अगली सुनवाई होगी. और इसी दिन रिपोर्ट पक्षकारों को भी दी जाएगी. इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने खास तौर पर गुजारिश की थी कि रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में ही पेश किया जाए. मुस्लिम पक्ष ने ये भी मांग की थी कि बिना हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत ना दी जाए. अब देखने वाली बात ये होगी कि इस रिपोर्ट में क्या है. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई.
Gyanvapi Masjid News: ज्ञानवापी सर्वे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है ज्ञानवापी मामले पर फैसला 3 अगस्त को सुनाया जाएगा जिसका मतलब है 3 अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा दी गई है.
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब क्रूर नहीं था और उसने मंदिर तोड़ने का आदेश नहीं दिया था और उसने मंदिर तोड़ने का आदेश नहीं दिया था. इस पर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने मुस्लिम पक्ष को आड़े हाथों लिया. कल ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई है
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब क्रूर नहीं था और उसने मंदिर तोड़ने का आदेश नहीं दिया था.